Monday, April 26, 2021

महाबीर बजरंगबली

 महाबीर हनुमान जिनका वृषाकपि के रूप में रिगवेद में वर्णन है , देवरूप हैं । रिगवेद मे वर्णित इंद्र के पिता ही इनके पिता वृषाश्रंग हैं


यस्ते शर्ङगव्र्षो नपात परणपात कुण्डपाय्यः | 

नयस्मिन दध्र आ मनः || 

इस प्रकार यह इंद्र के भाई हैं ।

इंद्र इनके बिना प्रशन्न नही होते


नाहमिन्द्राणि रारण सख्युर्व्र्षाकपेरते | 

यस्येदमप्यं हविः परियं देवेषु गछति विश्वस्मादिन्द्रौत्तरः || 

यह इंद्राणी के सखा है ।।


उताहमस्मिवीरिणीन्द्रपत्नी मरुत्सखा ।।

अर्थात यह रुद्रपुत्र मरुत हैं ।।

इंद्रावतार सुग्रीव व अर्जुन के यह सहायक है तथा विष्णु के अवतारों मे यह स्वयंरूप है जैसा वाल्मीकि रामायण मे वर्णित है ।।

महाबीर हनुमान को बारम्बार प्रणाम है ।। 

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